Computer Language क्या है – कंप्यूटर लैंग्वेज के प्रकार | What is Computer Language in Hindi
दोस्तों, आज हम Computer language के बारे में जानेंगे आप लोगों को कंप्यूटर की भाषा के बारे में जानकारी होनी चाहिए क्योंकि एक कंप्यूटर के बारे में जानने वाले या कंप्यूटर चलाने वाले लोगों को यह जानना बहुत जरूरी है कि कंप्यूटर किस भाषा को समझता है उसके बारे में भी जानकारी रखनी चाहिए।
आपके भी मन में कुछ ऐसे प्रश्न जैसे- कंप्यूटर की भाषा का ऐतिहासिक विकास (Historical development of computer language), Computer प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (computer programming language), उच्च स्तरीय भाषा (high level language), प्रोग्रामिंग लैंवेज (programming language), कंप्यूटर के भाषाओं के ऐतिहासिक विकास , प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है?(what is programming language?) आदि, तो इन सरे प्रश्न के जवाब के लिए आप सही जगह पर है। तो आइये जानते है इसके बारे में-
आम तौर पर, हम दो व्यक्तियों के बीच संचार करने के लिए अंग्रेजी, हिंदी, तेलुगू आदि जैसी भाषाओं का उपयोग करते हैं। इसका मतलब है, जब हम दो व्यक्तियों के बीच संचार करना चाहते हैं तो हमें एक ऐसी भाषा की आवश्यकता होती है जिसके माध्यम से लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकें।
आम बोलचाल की भाषा लोगों के बीच से अलग-अलग होती है हर जगह की जो भाषा है वह अलग होती है और बाद कुछ दूर पर ही बदलती रहती है क्या ऐसा ही कंप्यूटर के सिस्टम में भी होता है कंप्यूटर की भाषा क्या बदलती रहती है या कंप्यूटर केवल एक ही तरह की भाषा को समझता है।
जब उपयोगकर्ता कंप्यूटर को कोई निर्देश देना चाहता है तो उपयोगकर्ता को एक विशिष्ट भाषा की आवश्यकता होती है और वह भाषा Computer Language के रूप में जानी जाती है।
उपयोगकर्ता प्रोग्राम का उपयोग कर कंप्यूटर के साथ इंटरैक्ट करता है और प्रोग्राम सी प्रोग्रामिंग भाषाओं जैसे सी, सी ++, जावा इत्यादि का उपयोग करके बनाए जाते हैं।
कंप्यूटर के शुरुआती दिनों में, कार्यक्रमों को लिखने के लिए केवल बाइनरी भाषा का उपयोग किया जाता था, लेकिन वर्षों से, कंप्यूटर भाषा निम्न स्तर से उच्च स्तर की भाषाओं तक विकसित की गई है।
TOP CONTENT......
- कंप्यूटर की भाषाएं
- Computer की पहली लैंग्वेज कौन सी है?
- FORTRAN
- Computer में कितनी लैंग्वेज होती है?
- Top 10 Computer Language
- Types of computer language in Hindi – कंप्यूटर लैंग्वेज के प्रकार
- निम्न स्तरीय भाषा (Low Level Language), (मशीन भाषा (Machine Language),
असेम्बली भाषा (Assembly Language)
- उच्च स्तरीय भाषा (High Level Language)
- तृतीय पीढ़ी भाषा (Third Generation Language)
- चतुर्थ पीढ़ी भाषा (Fourth Generation Language)
- निष्कर्ष (Conclusion) –
कंप्यूटर की भाषाएँ
कम्प्यूटर भाषा या प्रोग्रामिंग भाषा, कंप्यूटर प्रोग्रामर द्वारा कंप्यूटर के साथ संवाद करने के लिए प्रयोग किये जाने वाला एक एक कोड है। कम्प्यूटर भाषा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के बीच संचार स्थापित करती है। कम्प्यूटर भाषा एक कंप्यूटर उपयोगकर्ता को कंप्यूटर डेटा को प्रोसेस करने के लिए आवश्यक कमांड को पहचानने में मदद करती है।
Computer Language एक ऐसी Language होती है जिसके द्वारा कंप्यूटरों के साथ Communicate किया जाता है। जिस तरह हम इंसान आपस में एक दूसरे से Communicate करने के लिए किसी ना किसी Language का इस्तेमाल करते है। ठीक उसी तरह Computer भी Communicate करने के लिए Language का उसे करते है।
जिसे हम Computer Language कहते है। कंप्यूटर Language Instructions का एक समूह होता है जिसके द्वारा किसी विशेष कार्य को पूरा किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो कंप्यूटर लैंग्वेज एक कोड होता है जिसके द्वारा प्रोग्राम को लिखा जाता है। कंप्यूटर लैंग्वेज का प्रयोग डेस्कटॉप एप्लीकेशन, मोबाइल एप्लीकेशन और वेबसाइट को बनाने के लिए किया जाता है। जैसे की Java, C++ का प्रयोग करके App बनाई जाती है।
Computer Language को Programming Language भी कहा जाता है और इसका प्रयोग Programmers के द्वारा Computer Program को Create करने के लिए किया जाता है। कुछ कंप्यूटर Language इंसान की समझ में नही आती है इन्हे केवल Computer ही समझ सकता है।
Computer की पहली लैंग्वेज कौन सी है? –
FORTRAN –फोरट्रान
1957 में प्रमुख लैंग्वेज में से पहली Fortran के रूप में दिखाई दे। इसका नाम Formula Translating सिस्टम के लिए है। Language को वैज्ञानिक कंप्यूटिंग के लिए IBA में डिजाइन किया गया था। Component बहुत सरल है और प्रोग्रामर को कंप्यूटर के अंदरूनी हिस्सों में Low Level एक्सेस प्रदान करते थे आज को मच को प्रतिबंधात्मक माना जाता है क्योंकि इसमें केवल IF, DO और GOTO कथन शामिल थे, लेकिन उस समय, यह कमांड एक बड़ा कदम था।
आज उपयोग में आने वाले बुनियादी प्रकार के डाटा ने वोल्ट्रॉन में अपनी शुरुआत की, इनमें Logical वेरिएबल और प्रणाम, वास्तविक और Double-Stick संख्या में शामिल थी। हालांकि Fortran नंबर्स को संभालने में अच्छा था, जो कि व्यवसायिक कंप्यूटिंग के लिए सबसे अधिक मायने रखता था। 1959 में Business कंप्यूटिंग की शुरुआत हुई और इसी के चलते COBOL का विकास हुआ।
Computer में कितनी लैंग्वेज होती है? –
मौजूद Computer Language की कुल संख्या लगभग 9000 है, हालांकि 50 ऐसी है जो आज उपयोग में आने वाली सबसे लोकप्रिय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक्विजिशन संख्या है जो कोर्ट सॉफ्टवेयर डेवलपर्स कोमा वेब डेवलपर्स और अन्य कंप्यूटर विज्ञान पेशेवरों द्वारा उपयोग की जाती है।
आपके पास जावा, जावास्क्रिप्ट और कॉफिस्क्रिप्ट है : पाइथन और रूबी: सी, सी++, #, और ऑब्जेक्टिव – सी; कोबोल, ALGOL 58, ALGOL 60, ALGOL 68, ALGOL W, और BASIC; Fortran, असेंबली लैंग्वेज और मशीन लैंग्वेज है। विभिन्न प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की इतनी विशाल संख्या है कि एक बिंदु या किसी अन्य पर हम सभी आश्चर्यचकित हैं: कितनी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है?
विकिपीडिया के अनुसार, लगभग 700 प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, जिसमें गुड कोडिंग लैंग्वेज भी शामिल है। अन्य स्रोत जो केवल उल्लेखनीय लैंग्वेज को सूचीबंद करते हैं, अभी भी प्रभावशाली 245 लैंग्वेज तक कि ना जाता है। HOPL नमक एक अन्य सूची को मान जोहर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को हमेशा मौजूद रहने का दावा करती है कोमा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की कुल संख्या 8945 बताती है। कुछ का अनुमान कुल 25000 तक है।
Top 10 Computer Language –
कुछ महत्वपूर्ण computer language के नाम निम्नलिखित है –
- Python
- Java
- JavaScript
- Kotlin
- R
- PHP
- GO
- C
- Swift
- C++
Types of computer language in Hindi – कंप्यूटर लैंग्वेज के प्रकार
Computer language मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं जो कि निम्नलिखित है।
- निम्न स्तरीय भाषा (Low Level Language)
- उच्च स्तरीय भाषा (High Level Language)
निम्न स्तरीय भाषा (Low Level
Language) –
वह भाषाएँ (Languages) जो अपने संकेतो को मशीन संकेतो में परिवर्तित के लिए किसी भी अनुवादक
(Translator) को शामिल नही करता, निम्न स्तरीय भाषा कहलाती है अर्थात निम्न स्तरीय भाषा के कोड को
किसी तरह से अनुवाद (Translate) करने की आवश्यकता नही पड़ती है। मशीन
भाषा (Machine Language) तथा असेम्बली भाषा (Assembly
Language) इस भाषा के दो उदाहरण है। लेकिन इनका उपयोग
प्रोग्राम (Program) में करना बहुत ही मुश्किल है। इसका
उपयोग करने के लिए कम्प्यूटर के हार्डवेयर (Hardware) के
बारे में जानकारी होना आवश्यक है। यह बहुत ही समय लेता है और त्रुटियों (Error)
की सम्भावना अत्यधिक होती है। इनका संपादन (Execution) उच्च स्तरीय भाषा (High level language) से
तेज होता है। ये दो प्रकार की होती है –
मशीन भाषा (Machine Language)
असेम्बली भाषा (Assembly
Language)
1. मशीन भाषा (Machine Language)
कम्प्यूटर प्रणाली (Computer
System) सिर्फ अंको के संकेतो को समझ सकता है, जो कि बाइनरी (1 या 0) होता
है। अत: कम्प्यूटर को निर्देश सिर्फ बाइनरी कोड 1 या
0 में ही दिया जाता है और जो निर्देश बाइनरी कोड
(Binary Code) में दिया जाता है उन्हें मशीन भाषा (Machine
Language) कहा जाता है। मशीनी भाषा (Machine Level
Language) मशीन के लिए सरल होती है और प्रोग्रामर के लिए
मुश्किल होती है। मशीन भाषा प्रोग्राम का रख रखाव भी बहुत कठिन होता है क्योकि
इसमें त्रुटीयो (Error) की संभावनाएँ अत्यधिक होती है। Machine
Language प्रत्येक Computer System पर भिन्न-भिन्न कार्य करती है, इसलिए
एक कंप्यूटर के कोड दूसरे कंप्यूटर पर नही चल सकते।
2. असेम्बली भाषा (Assembly
Language)
असेम्बली भाषा में निर्देश अंग्रेजी के
शब्दों में दिए जाते है, जैसे की NOV, ADD, SUB आदि, इसे mnemonic code (निमोनिक कोड) कहा जाता है। मशीन भाषा की तुलना में असेम्बली भाषा को
समझना आसान होता है परन्तु कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (Electronic
Device) है और यह सिर्फ बाइनरी कोड (Binary
Code) को समझता है, इसलिए
जो प्रोग्राम असेम्बली भाषा में लिखा होता है, उसे
मशीन स्तरीय भाषा (Machine level language) में
अनुवाद (Translate) करना होता है। ऐसा Translator जो असेम्बली भाषा (Assembly language) को
मशीन भाषा (Machine language) में Translate करता
है, उसे असेम्बलर (Assembler) कहते है।
डाटा (Data) को
कम्प्यूटर रजिस्टर में स्टोर किया जाता है और प्रत्येक कम्प्यूटर का अपना अलग
रजिस्टर सेट होता है, अतः असेम्बली भाषा में लिखे प्रोग्राम
सुविधाजनक नही होता है। अर्थात दुसरे कम्प्यूटर प्रणाली के लिए इसे फिर से अनुवाद
करना पड़ता है।
उच्च स्तरीय भाषा (High Level
Language) –
ये भाषा मशीन पर निर्भर करती है तथा यह
भाषा अंग्रेजी भाषा के कोड के समान होती है, इसलिए
इसे कोड करना या समझना आसान होता है। इसके लिए एक Translator की आवश्यकता होती है, जो उच्च स्तरीय भाषा के Program
को मशीन कोड में translate करता है इसके
उदाहरण है –फोरट्रान (FORTRAN), बेसिक (BASIC), कोबोल (COBOL), पास्कल
(PASCAL), सी (C), सी++
(C++), जावा (JAVA), VISUAL BASIC, Visual
Basic.net HTML, Sun Studio आदि इसी भाषा के प्रकार है इसको दो generation
में बाँटा गया है –
तृतीय पीढ़ी भाषा (Third
Generation Language)
चतुर्थ पीढ़ी भाषा (Fourth
Generation Language)
तृतीय पीढ़ी भाषा (Third
Generation Language)
तृतीय पीढ़ी भाषाएँ (Third
Generation Language) पहली भाषाएँ थी जिन्होंने प्रोग्रामरो
को मशीनी तथा असेम्बली भाषाओ में प्रोग्राम लिखने से बनाया। तृतीय पीढ़ी की भाषाएँ
मशीन पर निर्भर नही थी इसलिए प्रोग्राम लिखने के लिए मशीन के आर्किटेक्चर को समझने
की आवश्यकता नही थी। इसके अतिरिक्त प्रोग्राम पोर्टेबल हो गए, जिस कारण प्रोग्राम को उनके कम्पाइलर व इन्टरप्रेटर के साथ एक
कम्प्यूटर से दुसरे कम्प्यूटर में कॉपी किया जा सकता था। तृतीय पीढ़ी के कुछ
अत्यधिक लोकप्रिय भाषाओ में फोरट्रान (FORTRAN), बेसिक
(BASIC), कोबोल (COBOL), पास्कल
(PASCAL), सी (C), सी++
(C++) आदि सम्मिलित है।
चतुर्थ पीढ़ी भाषा (Fourth
Generation Language)
Fourth Generation Language, तृतीय पीढ़ी के
भाषा से उपयोग करने में अधिक सरल है। सामान्यत: चतुर्थ पीढ़ी की भाषाओं में विजुअल
(Visual) वातावरण होता है जबकि तृतीय पीढ़ी की भाषाओ में
टेक्सचुअल (Textual) वातावरण होता था। टेक्सचुअल वातावरण
में प्रोग्रामर Source Code को निर्मित करने के लिए अंग्रेजी के
शब्दों का उपयोग करते है। चतुर्थ पीढ़ी की भाषाओ के एक पंक्ति का कथन तृतीय पीढ़ी के
8 पंक्तियों के कथन के बराबर होता है | विजुअल वातावरण में, प्रोग्रामर बटन, लेबल
तथा टेक्स्ट बॉक्सो जैसे आइटमो को ड्रैग एवं ड्रॉप करने के लिए टूलबार का प्रयोग
किया करते है। इसकी विशेषता IDE (Integrated development Environment) हैं जिनके Application Compiler तथा
run time को Support करते
है। Microsoft Visual studio और Java Studio इसके
दो उदाहरण है।
फोरट्रान (Fortran) –
फोरट्रान का पूरा नाम फार्मूला
ट्रांसलेशन (Formula Translation) है। जिस का संक्षिप्त रूप फोरट्रान (Fortran)
होता है। फोरट्रान भाषा का विकास आईबीएम के जेडब्ल्यू बेकस ने 1957 में किया था। जो गणित के सूत्रों को सरलता से और कम समय में हल करने
के लिए प्रयोग में लाई जाती है इसका उपयोग वैज्ञानिकों के द्वारा भी अनेक प्रकार
के अनुसंधान कार्यों में किया जाता है।
कोबोल (Cobol) –
कोबोल का पूरा नाम कॉमन बिजनेस
ओरिएंटेड लैंग्वेज (Common Business-Oriented Language) होता
है जिसका संक्षिप्त रूप कोबोल है। इस भाषा के संक्रिया में लिखे गए वाक्यों के
समूह को पैराग्राफ और पैराग्राफ से मिलकर एक सेक्शन बनाया जाता हैं तथा कई सेक्सन
मिलकर डिवीजन बनाते हैं। इस भाषा का उपयोग अधिकतर व्यावसायिक क्षेत्रों में किया
जाता है।
बेसिक (Basic) –
बेसिक का पूरा नाम बिगनर्स ऑल पर्पस
सिंबॉलिक इंस्ट्रक्शन कोड (Beginner’s all-purpose symbolic instruction
code) होता है। बेसिक इसका संक्षिप्त रूप होता है।
इसका विकास John G. Kemeny and Thomas E. Kurtaz द्वारा
किया गया। इसका उपयोग माइक्रो कंप्यूटर में वित्त डेटा ग्राफिक्स उत्पादक कंप्यूटर
तथा अन्य कई उद्देश्यों हेतु होता है।
C (सी)-
सी (C) एक
सामान्य उपयोग में आने वाली कम्प्यूटर की प्रोग्रामिंग भाषा है। इसका विकास डेनिस
रिची ने बेल्ल टेलीफोन प्रयोगशाला में सन् 1972
में किया था जिसका उद्देश्य यूनिक्स संचालन तंत्र का निर्माण करना था।
इस समय (2009
में) ‘सी’ पहली या दूसरी
सर्वाधिक लोकप्रिय प्रोग्रामिंग भाषा है। यह भाषा विभिन्न सॉफ्टवेयर फ्लेटफार्मों
पर बहुतायत में उपयोग की जाती है। शायद ही कोई कम्प्यूटर-प्लेटफार्म हो जिसके लिये
सी का कम्पाइलर उपलब्ध न हो।
C++ (सी++)
C++ एक स्थैतिक टाइप, स्वतंत्र-प्रपत्र, बहु-प्रतिमान संकलित, सामान्य प्रयोजन प्रोग्रामिंग भाषा है। यह एक मध्यस्तरीय भाषा के रूप
में जानी जाती है, क्योंकि यह दोनों उच्च स्तर और निम्न
स्तर की भाषा सुविधाओं का एक संयोजन है। यह ब्यार्ना स्त्रौस्त्रप द्वारा विकसित
सी भाषा की वृद्धि के रूप में बेल लेबोरेटरीज में 1979
में शुरू किया गया था। इस भाषा का मूल नाम सी विथ क्लासेस था, जिसे 1983 में बदल कर सी++ कर दिया गया। यह एक
आब्जेक्ट उन्मुखी (ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड) भाषा है।
जावा (java)-
जावा एक प्रोग्रामिंग भाषा है जिसे
मूलतः सन माइक्रोसिस्टम्स के जेम्स गोसलिंग द्वारा विकसित किया गया तथा 1995 में इसे सन माइक्रोसिस्टम्स के जावा प्लेटफ़ार्म के एक मुख्य अवयव
के रूप में रिलीज़ किया गया। भाषा अपना अधिकांश वाक्य विन्यास (सिंटेक्स) C
(सी) और C++ से प्राप्त करती है लेकिन इसके पास एक
सरल ऑब्जेक्ट मॉडल और कुछ निम्न स्तर की सुविधायें मौजूद हैं। जावा के प्रयोगों को
विशिष्ट रूप से बाईटकोड (क्लास फाइल) के लिए संकलित किया जाता है जिसे किसी भी
कंप्यूटर आर्किटेक्चर वाले किसी भी जावा वर्चुअल मशीन (JVM) पर
चालू किया जा सकता है।
अलगोल (Algol) –
इसका पूरा नाम एल्गोरिथमिक लैंग्वेज (Algorithmic
Language) होता है। अलगोल इसका संक्षिप्त रूप होता है। इस
भाषा का उपयोग बीजगणित की गणना करने के किया जाता है।
पास्कल (Pascal) –
इस भाषा को अलगोल भाषा का ही परिवर्तित
रूप माना जाता है। इस भाषा में सभी चरों को परिभाषित किया गया है, जिस कारण यह अलगोल से अलग होती है। इसका विकास निकलस रूथ ने किया था
किन्तु इसका नाम फ्रांसीसी बैज्ञानिक ब्लेज पास्कल के नाम पर रखा गया है। आजकल
भाषा का विकास अच्छे प्रोग्राम इन स्ट्रक्चर के लिए किया गया है
निष्कर्ष (Conclusion) –
हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल ले अच्छे से समझ आ गया होगा कंप्यूटर लैंग्वेज क्या है और यह कितने प्रकार की होती है। अगर आपका computer language से रिलेट कोई सवाल है तो आप नीचे Comment करके हमें पूछ सकते हैं। High Level Language में लिखे गए Program को कंप्यूटर के Machine Language में बदलने के लिए इंटरप्रिंटर है और Compiler की मदद से उसको मशीनी भाषा में परिवर्तित करना पड़ता है जिसके बाद कंप्यूटर उसको समझ पाता है।
लेख से संबंधित वीडियो भी आप देख सकते हैं|जो नीचे दिए गए हैं|

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें